रघुवंश शिरोमणि शीलता, सालीनता तुम्ही हो राम
विश्वामित्र की यज्ञ रक्षा, मारीच दीनता तुम्ही हो राम
हे राम तुम्ही पाषाण के, हर कण कण मे व्यापित
मिथिला नगर की सोभनीय, सुंदरता तुम्ही हो राम
जनकपुर की जनक पुत्री, सीता के हिय का प्रेम हो
शिव धनुष विदारक, ऋषि मद संहारक तुम्ही हो राम
तुम्ही लखण की शक्ति हो, तुम्ही भरत की भक्ति हो
तुम्ही शत्रुघ्न धर्म रथ, मंथरा की मंत्रणा तुम्ही हो राम
माँ कौशल्या के मोह तुम ही, कैकई विद्रोह तुम ही
सुमित्रा उर्मिला धैर्य तुम, पिता वियोग तुम्ही हो राम
तुम ही वन गमन का रास्ता, तुम चित्रकूट से वास्ता
तुम पंचवटी की कथा, सिया हरण भी तुम्ही हो राम
तुम्ही जटायू मोक्ष दाता, तुम्ही सबरी भाग्य विधाता
तुम्ही सुग्रीव की मित्रता, बालि हंता तुम्ही हो राम
तुम्ही उदधि की माप हो, तुम्ही विभीषण संताप हो
तुम्ही लंक विध्वंस हो, हनुमान हिय तुम्ही हो राम
तुम्ही घातिनि ब्रह्म शक्ति, तुम्ही संजीवनी रूप हो
मेघ रावण मोक्ष तुम हो, लंका पराजय तुम्ही हो राम
तुम्ही जगत में व्याप्त हो, तुम्ही मोक्ष को प्राप्त हो
तुम्ही ज्योति की प्रेरणा, प्रकृति प्रदाता तुम्ही हो राम
रघुवंश शिरोमणि शीलता, सालीनता तुम्ही हो राम
विश्वामित्र की यज्ञ रक्षा, मारीच दीनता तुम्ही हो राम
ज्योति प्रकाश राय
भदोही उत्तर प्रदेश
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