हे बुद्धि देवी हे ज्ञान दायिनी, हे वीणा वादिनी
हे सरस्वती हे हंसवाहिनी, हे ब्रह्मा प्रिया
तुमसे है मिटती चक्षु निशा, तुमसे है जलता हिय दिया
निशि प्रातः करू मै वंदना, तुमको समर्पित कामिनी
हे बुद्धि देवी हे ज्ञान दायिनी, हे वीणा वादिनी।।
हे विद्या विद्यमाता, हे पुस्तक धारिणी
तुमसे है बहती ज्ञान गंगा, तुमसे है ज्योति दिव्यमान
उत्तपन्न तुमसे है मधुरता, तुमसे है यह भारत महान
खण्डित ना हो भारत धरा, रक्षा करो सौदामिनी
हे बुद्धि देवी हे ज्ञान दायिनी, हे वीणा वादिनी।।
हे ज्ञान की सुधामुरती, हे देवी हंसासना
तुमसे है उज्ज्वल भविष्य सबका तुमसे है मिथ्या हारती
उत्त्पन्न तुमसे है सत्य निष्ठा तुमसे है जग मां भारती
हमे सत्य पथ पर अडिग करना हे रूप सौभाग्य दायिनी
हे बुद्धि देवी हे ज्ञान दायिनी, हे वीणा वादिनी।।
हे शास्त्र रूपी हे ब्रह्मजाया, हे देवी चंडिका
तुमसे सुशोभित ज्योति विद्या तुमसे है जीवन साधना
तन मन धन समर्पित है तुम्हें आशीष दो हे निरंजना
भटके नहीं हम धर्म से विपदा हरो मां सुवासिनी
हे बुद्धि देवी हे ज्ञान दायिनी, हे वीणा वादिनी।।
।। ज्योति प्रकाश राय ।। ( उज्जवल )
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