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Showing posts from October, 2023

देवी माँ की आरती

 तुम्ही हो दुर्गा तुम्ही हो काळी तुम ही अष्टभुजाओं वाली तुम ही माता भारती,है आरती है आरती, है आरती..........  पड़ा कभी जब कष्ट से पाला तुमने आ कर हमें सम्हाला जब भी तुमको याद किया माँ तुमसे जब फरियाद किया माँ हो कष्ट सभी तुम टाराती, है आरती है आरती, है आरती............ हिंगलाज में तुम्ही हो मइया पालनहार और तुम्ही खेवइया रक्तबीज को तुम्ही संहारा भैरव को तुमने ही उबरा तुम ही सबको सँवारती, है आरती है आरती, है आरती...........  पहली आरती मणिकर्णिका दूसरी आरती विंध्याचल में तिसरी आरती कड़े भवानी चौथी आरती माँ जीवदानी पाँचवी यहाँ पुकारती, है आरती है आरती, है आरती.............. कहे ज्योति हे शैल भवानी अरज सुनो दुर्गा महारानी विपदा सबकी पल में हर लो दया दृष्टि हम पर भी कर लो मेरि आँखें राह निहारती, है आरती है आरती, है आरती..........।। ज्योति प्रकाश राय भदोही, उत्तर प्रदेश

भजन (देवी गीत)

तर्ज - राधे तेरी चरणों की रज धूल जो मिल जाए मइया तेरे मन्दिर में हर पल ही उत्सव है माँ तुझे समर्पित है जीवन जो सम्भव है मइया तेरे मन्दिर में..............। तेरा धाम बसा मइया चहुँ ओर पहाड़ों पर मझधार मेरी नइया तू ला दे किनारे पर तू कर दे कृपा मइया मंगल ही मंगल है मइया तेरे मन्दिर में.............। मेरा और नही कोई बस तेरा सहारा है इसलिए मेरी माता तेरा नाम पुकारा है हे दुर्गा शिवा धात्री तेरे नाम का पूजन है मइया तेरे मन्दिर में.............। है राह बड़ा दुर्गम किस तरह से आऊँ मै हो जाए कृपा तेरी बस तुझे धियाऊँ मै जब बंद करूँ आँखें तेरे रूप का दर्शन है मइया तेरे मन्दिर में...........।  दुर्गा तेरे.... काली तेरे.... शारदे.... त्रिकुटा तेरे....। ज्योति प्रकाश राय भदोही, उत्तर प्रदेश