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Showing posts from April, 2022

पुलवामा अटैक

अपने हौसलों को कमजोर ना समझो, इनमें जज्बा है कुछ कर दिखाने का वक्त आए तो गर्व से कहना, हममें हिम्मत है जाँ लुटाने का ऐ भारत माँ तेरे चरणों की सौगंध, गर कोई तेरी ओर आँख भी उठाए, तो हममें हिम्मत है उसकी हस्ती मिटाने का दुश्मनों को घर तक खदेड़ आने का हौसला हममें है देश पर शौक से मिट जाने का हौसला हममें है याद रखो पाक के नापाक जवानों, तुम्हे मिट्टी में मिलाने का हौसला हममें है कारगिल का दौर फिर से दोहराने का हौसला हममें है फिर लाहौर तक चढ़ जाने का हौसला हममें है मंजर क्यूँ आज भयावह है, क्या यही शांत कश्मीर है हम तो वीरों में वीर बड़े, क्या लाशें ही जागीर हैं जिन हसी वादियों में खिलती, पवित्र प्रेम की कलियाँ है है धरा वहाँ क्यूँ लाल रंग, बिखरी बिछड़ी सब गलियाँ है हम तो देते संदेश प्रेम का, क्या उन्हें नही लेना आता या जिस संदेश को वो पहचाने वो हमें नही देना आता हम भी तो ज्ञान बाटते हैं, क्यूँ ना उनको हम पहचाने आखिर कब तक मित्र कहें, हरकत क्यूँ ना हम जाने ऐ भारत माँ के वीर जवानों, चालीस को कैसे खो बैठे कारगिल की याद दिलाओ उनको, जो छुपे वहाँ ऐठे-ऐठे लश्कर के हो या हिजबुल के, है तो कायर और गीदड