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Showing posts from September, 2020

तुम

ना पास आते हो तुम ना दूर जाते हो तुम तमन्ना क्या है तुम्हारी ना ही बताते हो तुम मैंने सुना है मोहब्बत है मुझसे फिर क्यूं निगाहें बचाते हो तुम राज - ए - मोहब्बत क्या है दिल में जो देख कर इतना मुस्कुराते हो तुम गुस्ताख़ी माफ़ ऐ हुस्न - ए - हुज़ूर बड़ी शिद्दत से आजमाते हो तुम मै सरोवर सा रहता तुम्हारे जिगर में क्यूं लहरों की जिद से जगाते हो तुम मै नहीं कोई दुश्मन ना कोई परिंदा जो छुपकर छुपाकर जलाते हो तुम