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Showing posts from April, 2019

जिंदगी का अफसाना

ऐ महफिलों के शौक रखने वाले , इक दिन खुद महफिल बन जाना है ! कौन यहाँ पर अपना है , कौन यहाँ बेगाना है !! आहट पा कर आने की , जो आज बदलते हैं रहें ! कल आगे पीछे घूमेंगे , देंगे कन्धा देंगे बाहें !! जी लो अपनी दुनिया को , कुछ और नहीं ले जाना है ! कौन यहाँ पर अपना है , कौन यहाँ बेगाना है !! यदि पास नहीं दौलत तेरे , तो क्यूँ तुमको गम होता है ! जिसके घर में भरा खजाना , उसके पास भी गम होता है !! नहीं यहाँ फुरसत में कोई , यही बड़ा अफसाना है ! कौन यहाँ पर अपना है , कौन यहाँ बेगाना है !! मीठे बोल, बोल कर तुम , सबसे हाँथ मिलाना सीखो ! ज्योतिर्मय हो हृदय तुम्हारा , सबको  हृदय लगाना सीखो !! धन से बढ़ कर व्यौहार तुम्हारा , लक्ष्य यही दर्शाना है !! कौन यहाँ पर अपना है , कौन यहाँ बेगाना है !! !! ज्योति प्रकाश राय !!