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करवा चौथ

 बना रहे सिंदूर मांग में रहे सलामत साजन

चमके बिंदिया खनके चूड़ी पायल गूंजे आंगन


टिमटिम करते सारे तारे आना नील गगन में

चमक चांदनी शीतल छाया भरना आज बदन में


जल्दी आना चन्द्र देवता सफल मनोरथ करना

भूख लगे ना प्यास लगे सभी कष्ट खुद हरना


दर्शन पा कर धन्य हो जीवन मन हर्षित हो मेरा

नित नित शीश झुकाऊं ईश्वर नित हो नया सवेरा


नही पले चित द्वेष भावना नही कभी हो क्रंदन

जगमग जगमग ज्योति जले है प्रेम भाव से वंदन


ज्योति प्रकाश राय

भदोही, उत्तर प्रदेश

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सपना और हकीकत

आज फिर मेरे सपने में माँ आ गई हर एक बात पर बहुत कुछ समझा गई मै भी सपनों में खोया नींद भर सोता रहा बचपन की तरह आज भी जिद कर के रोता रहा माँ की नजर में बेटा बच्चा ही रहता है वो चाहे लाख बुरा क्यूँ ना हो अच्छा ही रहता है आज एक सवाल पर माँ बहुत कुछ सिखा गई मुझे सपनों में भी आईना दिखा गई सवाल ये था मेरा की मेरा प्रेम किसी और से भी जुड़ गया है कुछ इधर तो कुछ उधर भी मुड़ गया है माँ ने कहा वो किसी की बेटी है खिलवाड़ मत करना दिल बहलाने के लिए ऐसा जुगाड़ मत करना वो किसी की इज्जत है किसी के दिल का टुकड़ा होगी पसंद यदि तेरी है तो चाँद का मुखड़ा होगी मेरी तुझसे एक गुजारिश है तू उससे ये बोल देना वो घर की दहलीज का भी खयाल रखे ये तोहफा अनमोल देना अचानक से मेरी आँख खुली सवेरा हो गया था बड़ा ही खूबसूरत था वो सपना जिसमें मै खो गया था संदेश ये है दुनिया को ज्योति प्रकाश के जरिए सपना हो या हकीकत खिलवाड़ मत करिए ज्योति प्रकाश राय Event vashi Oct. 2019

देवी माँ की आरती

 तुम्ही हो दुर्गा तुम्ही हो काळी तुम ही अष्टभुजाओं वाली तुम ही माता भारती,है आरती है आरती, है आरती..........  पड़ा कभी जब कष्ट से पाला तुमने आ कर हमें सम्हाला जब भी तुमको याद किया माँ तुमसे जब फरियाद किया माँ हो कष्ट सभी तुम टाराती, है आरती है आरती, है आरती............ हिंगलाज में तुम्ही हो मइया पालनहार और तुम्ही खेवइया रक्तबीज को तुम्ही संहारा भैरव को तुमने ही उबरा तुम ही सबको सँवारती, है आरती है आरती, है आरती...........  पहली आरती मणिकर्णिका दूसरी आरती विंध्याचल में तिसरी आरती कड़े भवानी चौथी आरती माँ जीवदानी पाँचवी यहाँ पुकारती, है आरती है आरती, है आरती.............. कहे ज्योति हे शैल भवानी अरज सुनो दुर्गा महारानी विपदा सबकी पल में हर लो दया दृष्टि हम पर भी कर लो मेरि आँखें राह निहारती, है आरती है आरती, है आरती..........।। ज्योति प्रकाश राय भदोही, उत्तर प्रदेश

अतीत

अतीत मेरे अतीत की दुनिया है तू , तेरे अतीत का किस्सा हूं मै। मेरी जिंदगी का हिस्सा है तू , तेेरी जिंदगी का हिस्सा हूं मै।। पल जो बीते संग वाले , याद अब आये बहुत। पास रह कर ना सताया , अब तू क्यूं सताये बहुत।। तेरे अतीत का प्रभात हूं मै , मेरे अतीत की दिशा है तू । तेरी जिंदगी का हिस्सा हूं मै , मेरी जिंदगी का हिस्सा है तू । जो गुनगुनाए अब तलक , वो गीत मेरे नाम के । अब याद भी आऊं बहुत , तो याद अब किस काम के ।। मेरे अतीत की कहानी है तू , तेरे अतीत का किस्सा हूं मै । मेरे जिंदगी का हिस्सा है तू , तेरे जिंदगी का हिस्सा हूं मै । मेरे अतीत की दुनिया है तू । तेरे अतीत का किस्सा हूं मै । ।। ज्योति प्रकाश राय ।।