बना रहे सिंदूर मांग में रहे सलामत साजन
चमके बिंदिया खनके चूड़ी पायल गूंजे आंगन
टिमटिम करते सारे तारे आना नील गगन में
चमक चांदनी शीतल छाया भरना आज बदन में
जल्दी आना चन्द्र देवता सफल मनोरथ करना
भूख लगे ना प्यास लगे सभी कष्ट खुद हरना
दर्शन पा कर धन्य हो जीवन मन हर्षित हो मेरा
नित नित शीश झुकाऊं ईश्वर नित हो नया सवेरा
नही पले चित द्वेष भावना नही कभी हो क्रंदन
जगमग जगमग ज्योति जले है प्रेम भाव से वंदन
ज्योति प्रकाश राय
भदोही, उत्तर प्रदेश
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