संघर्ष सत्य को करना है यह दशमी पर्व बताता है
भारत भाग्य विधाता है और धर्म नीति समझाता है
यह भी सत्य अवधपति श्री राम जगत के नायक थे
पल में रावण वध करते इसमें सक्षम थे लायक थे
ऋषियों मुनियों के आश्रम में अनभिज्ञ बने ज्ञान मिला
सरल स्वभाव मृदु वाणी से मान मिला सम्मान मिला
नीति धर्म के सम्मुख कुछ उनकी भी जिम्मेदारी थी
बस यही विवशता थी उनकी इसीलिए मति मारी थी
नंगे पैरों चल - चल कर वन पंचवटी का वरण किए
हो न कलंकित यह जीवन सिया अग्नि के शरण किए
वन वन भटके ठोकर खाये बृध्दि शबरी से आस लगाए
भालू वानर से किये मित्रता असुरों को फिर मार गिराये
सत्य धर्म पर अडिग रहे इसलिए समुद्र में सेतु बना
पाप अधिक था धरती पर बस उसे मिटाने हेतु बना
रोये बिलखे मानव बन कर धीर अधीर हुए सब में
सत्य धर्म पर खड़े रहे अमर हुए तब सब नभ में
सत्य मार्ग पर चल कर ही मानव ज्योति जलाता है
धर्म अधर्म पर भारी है यह राम चरित दर्शाता है
संघर्ष सत्य को करना है यह दशमी पर्व बताता है
भारत भाग्य विधाता है और धर्म नीति समझाता है
ज्योति प्रकाश राय
भदोही, उत्तर प्रदेश
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