आओ मिलकर दीप जलायें दीपोत्सव है आया
सब मिलकर खुशी मनायें अमृत महोत्सव है छाया
जैसे दूर गगन में टिम टिम करते तारे लगते प्यारे
वैसे हम सब मिलकर बदलें पृथ्वी के सभी नज़ारे
दूर भगाओ दूर भगाओ है जो घन घोर अंधेरा
स्वच्छ हुआ है जितना आँगन उतना हो सब डेरा
मन का तिमिर मिटाने खातिर दीपोत्सव है आया
सब मिलकर खुशी मनायें अमृत महोत्सव है छाया
मन का तिमिर मिटाने से जीवन सरल है होता
मन में जिसके अंधकार वह जीवन भर है रोता
लक्ष्मी - गणेश के पूजन से बुद्धि सबल है होती
यदि कृपा न होती मातु भारती सारी दुनिया सोती
सुख समृद्धि बढ़ाने खातिर हर मानव है धाया
सब मिलकर खुशी मनायें अमृत महोत्सव है आया
दीप जलाओ नाचो गाओ अवध सिया पति आयेंगे
विजय पताका कीर्तिमान हिंदुत्व का मान बढ़ायेंगे
अहंकार बलिदान करो ध्यान करो कुछ कर्मो का
दीपावली का पर्व है आया ज्ञान भरो कुछ धर्मो का
आओ मिलकर ज्योति जलाएँ छोड़ो जो भी है माया
सब मिलकर खुशी मनायें अमृत महोत्सव है छाया
ज्योति प्रकाश राय
भदोही, उत्तर प्रदेश
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