हिम्मत के बल पर हिमालय झुका है
विद्या के धन पर विद्यालय टिका है
हौसला नहीं टुटा था थे भीम गदाधारी
कौरव हुए पराजित दुर्योधन को लात मारी
उम्मीद थी संजोये शबरी के राम आए
विश्वास प्रेम भक्ति में जूठे भी बेर खाए
हौसला नहीं डिगा था प्रह्लाद का कभी भी
विफल हुआ था कश्यप जल्लाद थे सभी भी
विश्वास भर के रग में आगे बढ़ी थी रानी
फिरंगी को पस्त करके पिला दिया था पानी
हौसला नहीं था टूटा राणा लड़े लड़ाई
खा कर के घास रोटी शत्रु पर किए चढ़ाई
सेना भले ही कम थी हिम्मत की ना कमी थी
शिवा क्षत्रपति थे मां भवानी की सर ज़मी थी
अंधेरों को चीर कर के दिया करे उजाला
हमने प्रयत्न कर के हिमालय समेट डाला
हौसला रहेगा हममे हम जंग जीत लेंगे
अपनों के साथ होकर हर रंग प्रीत लेंगे
आओ करें हम मिलकर ज्योति संग इरादा
पिछले प्रयत्न से भी होगा प्रयत्न ज्यादा
ज्योति प्रकाश राय
भदोही उत्तर प्रदेश
8879648743
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