तर्ज - राधे तेरी चरणों की रज धूल जो मिल जाए
मइया तेरे मन्दिर में हर पल ही उत्सव है
माँ तुझे समर्पित है जीवन जो सम्भव है
मइया तेरे मन्दिर में..............।
तेरा धाम बसा मइया चहुँ ओर पहाड़ों पर
मझधार मेरी नइया तू ला दे किनारे पर
तू कर दे कृपा मइया मंगल ही मंगल है
मइया तेरे मन्दिर में.............।
मेरा और नही कोई बस तेरा सहारा है
इसलिए मेरी माता तेरा नाम पुकारा है
हे दुर्गा शिवा धात्री तेरे नाम का पूजन है
मइया तेरे मन्दिर में.............।
है राह बड़ा दुर्गम किस तरह से आऊँ मै
हो जाए कृपा तेरी बस तुझे धियाऊँ मै
जब बंद करूँ आँखें तेरे रूप का दर्शन है
मइया तेरे मन्दिर में...........।
दुर्गा तेरे.... काली तेरे.... शारदे.... त्रिकुटा तेरे....।
ज्योति प्रकाश राय
भदोही, उत्तर प्रदेश
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