ऐ महफिलों के शौक रखने वाले , इक दिन खुद महफिल बन जाना है !
कौन यहाँ पर अपना है , कौन यहाँ बेगाना है !!
आहट पा कर आने की , जो आज बदलते हैं रहें !
कल आगे पीछे घूमेंगे , देंगे कन्धा देंगे बाहें !!
जी लो अपनी दुनिया को , कुछ और नहीं ले जाना है !
कौन यहाँ पर अपना है , कौन यहाँ बेगाना है !!
यदि पास नहीं दौलत तेरे , तो क्यूँ तुमको गम होता है !
जिसके घर में भरा खजाना , उसके पास भी गम होता है !!
नहीं यहाँ फुरसत में कोई , यही बड़ा अफसाना है !
कौन यहाँ पर अपना है , कौन यहाँ बेगाना है !!
मीठे बोल, बोल कर तुम , सबसे हाँथ मिलाना सीखो !
ज्योतिर्मय हो हृदय तुम्हारा , सबको हृदय लगाना सीखो !!
धन से बढ़ कर व्यौहार तुम्हारा , लक्ष्य यही दर्शाना है !!
कौन यहाँ पर अपना है , कौन यहाँ बेगाना है !!
!! ज्योति प्रकाश राय !!
कौन यहाँ पर अपना है , कौन यहाँ बेगाना है !!
आहट पा कर आने की , जो आज बदलते हैं रहें !
कल आगे पीछे घूमेंगे , देंगे कन्धा देंगे बाहें !!
जी लो अपनी दुनिया को , कुछ और नहीं ले जाना है !
कौन यहाँ पर अपना है , कौन यहाँ बेगाना है !!
यदि पास नहीं दौलत तेरे , तो क्यूँ तुमको गम होता है !
जिसके घर में भरा खजाना , उसके पास भी गम होता है !!
नहीं यहाँ फुरसत में कोई , यही बड़ा अफसाना है !
कौन यहाँ पर अपना है , कौन यहाँ बेगाना है !!
मीठे बोल, बोल कर तुम , सबसे हाँथ मिलाना सीखो !
ज्योतिर्मय हो हृदय तुम्हारा , सबको हृदय लगाना सीखो !!
धन से बढ़ कर व्यौहार तुम्हारा , लक्ष्य यही दर्शाना है !!
कौन यहाँ पर अपना है , कौन यहाँ बेगाना है !!
!! ज्योति प्रकाश राय !!
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